हर साल इसका आयात बढ़ने से इस गैर उत्पादक वस्तु पर भारी मात्र में विदेशी मुद्रा खर्च होती है।
2.
उत्पादक बाजार में वस्तु की मांग को ध्यान में रखकर उत्पादन करता है और जब कोई वस्तु बाजार में आती है, यानी उसका उपभोक्ता-वर्ग होता है, तब उसका उत्पादक वस्तु का मूल्य-निर्धारण केवल अपने लाभ को ध्यान में रखकर करता है.